शिक्षा प्रणाली में ज्ञान के साथ विवेक का महत्व रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार को कहा कि व्यवसायीकरण एवं जीवन मूल्यों में गिरावट के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिये शिक्षकों की मौलिक जिम्मेदारी ‘‘ज्ञान एवं विवेक” से परिपूर्ण पीढ़ी का निर्माण करना है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की जयंती शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान करने के बाद कोविंद ने एक समारोह में कहा कि विश्व आज सूचना युग से ज्ञान युग में जा कर रहा है। लेकिन सिर्फ ज्ञान के विकास से ही समाज की सुरक्षा नहीं की जा सकती, ज्ञान के साथ विवेक जरूरी है। सम्मत ज्ञान से ही मानवीय समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ मानवीय करूणा का मेल तथा डिजिटल ज्ञान के साथ चरित्र निर्माण के बीच सामंजस्य जरूरी हैं। विवेकपूर्ण ज्ञान के आधार पर ही हम जलवायु परिवर्तन, प्रजातियों के लुप्त होने, प्राकृतिक जल स्रोतों की कमी होने, ग्लेशियर के पिघलने, प्रदूषित हवा जैसी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं। विद्यार्थियों को बूंद-बूंद पानी बचाने की सीख देकर शिक्षक भी जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

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