किसानों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ के असर, दिसंबर की सर्दी और कोविड संकट को देखते हुए केंद्र सरकार इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने के प्रयास में लगी है। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और किसानों के बीच थोड़ी देर में बैठक शुरू होने जा रही है। इस बीच किसान नेताओं ने मंगलवार को ‘भारत बंद' सफल होने का दावा करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे तो अपनी मांगों पर केवल ‘हां' या ‘नहीं' में जवाब मांगेंगे। किसान नेताओं का एक समूह मंगलवार शाम को शाह से मुलाकात करेगा। एक दिन बाद बुधवार को उनकी केंद्रीय मंत्रियों के साथ छठे दौर की वार्ता होगी।

अमित शाह से मिलेंगे ये किसान नेता
राकेश टिकैत, गुरुनाम सिंह चढ़ूनी, हनन मुला, शिव कुमार कक्का जी, बलवीर सिंह राजेवाल, रुलदू मानसा, बूटा सिंह बुर्जगिल, हरिंदर सिंह लखोवाल, दर्शन पाल, कुलवंत सिंह संधू, बोध सिंह मानसा।

किसान नेता आर.एस. मनसा ने कहा, ‘‘बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह से केवल ‘हां' या ‘नहीं' में जवाब देने को कहेंगे।'' मनसा ने दावा किया कि केंद्र सरकार ‘भारत बंद' के सामने झुक गयी है। एक अन्य नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ‘भारत बंद' सफल रहा और केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है।

स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 25 राज्यों में करीब 10,000 जगहों पर बंद आहूत किया गया। किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी बुराड़ी के मैदान नहीं जाएंगे क्योंकि यह एक ‘खुली जेल' है। उन्होंने रामलीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देने की मांग की। किसान नेताओं ने कहा कि वे दिल्ली और हरियाणा की जनता को परेशान नहीं करना चाहते।
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