वहीं पीड़ित परिजन अधिकारियों की चौखट पर नाक रगड़ रहे हैं। पुलिस की बेरुखी और संवेदनहीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि जब इस मामले की शिकायत को लेकर पीड़िता बहन ने एसपी साहिबा से गुहार लगाई तो उन्होंने मामले में संजीदगी और तत्परता दिखाने की  बजाए पीड़िता से छोटी मोटी बात है कह कर पीड़िता पर ही सवाल  दाग दिये। SSP ऑफिस में आला अधिकारियों की लापरवाही बेशर्मी और बेरुखी का नजारा ऐसा की एक लाचार बहन अपने अपहरण हुए भाई के लिए रोती गिड़गिड़ाती पुलिस को कोसती रही। पर पुलिस के कानों में जूं तक नहीं रेंगी |



कार्यालय में अपने भाई की जान के लिए रोती बिलखती अपह्रत भाई की बहन के मुताबिक 22 दिन पहले हुए भाई के अपहरण के बदले पुलिस द्वारा 30 लाख रुपए दिलवाए जाने के बावजूद भी पुलिस उसके भाई को बरामद करवाना तो दूर उनके जीवन भर की पूंजी को भी दांव में लगा दी। पुलिस पर दगाबाजी का आरोप लगाती बहन रुचि का यह नजारा है। रुचिका भाई संजीत यादव का विगत 22 तारीख को अपहरण हो गया था बर्रा के रहने वाले  एक निजी पैथोलॉजी मैं कार्यरत रात घर आते  समय अपहरण कर लिया गया था इसके बाद अपहरणकर्ताओं द्वारा संजीत के घर पर फोन करके 30 लाख की फिरौती की मांग की गई थी घर वालों ने पुलिस से शिकायत की थी!

की बहन के मुताबिक पुलिस ने संगीत की गुमशुदगी लिखकर घर वालों को समझाया कि तुम पैसे की व्यवस्था करो हम पैसा देते समय अपराधी को रंगे हाथ पकड़ कर गिरफ्तार कर लेंगे जिसके चलते पुलिस वालों के कहने पर घर वालों ने मकान और बहन के लिए बनवाए गए शादी वाले जेवर बेचकर बीते सोमवार की रात को पुलिस ने 30 लाख रुपया भी दिलवा दिया रुपया देते समय आसपास थानेदार और स्थानीय पुलिस मौजूद थी लेकिन ना तो अपराधी पकड़े गए और ना ही दिया हुआ पैसा रोक पाए! घरवाले अब आला अधिकारियों की चौखट पर नाक रगड़ने को मजबूर है !

संजीत के घर के फोन पुलिस ने सर्विलांस पर लगाई थी इसके बावजूद पुलिस आज तक कुछ नहीं कर पाई। सोमवार को तो 4 थानों की फोर्स लेकर लगी रही और घरवालों से अपराधी बैग लेकर चले गए इसके पहले एक बार पुलिस ने घरवालों से पत्थरों से भरा बैग फिकवाया था तो अपहरणकर्ता नें आखरी चेतावनी और एक मौका देते हुए जान से मार डालने की बात कही थी! हैरान करने वाली बात यह है अपहरणकर्ता घर वालों के पास एक ही फोन नंबर से लगातार फिरौती मांगते रहे फिर भी पुलिस कुछ नहीं कर पाई। अब जब पैसा भी चला गया तो अधिकारी कार्रवाइ की बात कह रहे हैं। मामले पर फिलहाल आला अधिकारियों से पक्ष जानने की कोशिश की गई परंतु कोई भी जिम्मेदार मामले पर जवाब देने को राजी नहीं है।

एस पी साउथ, अपर्णा गुप्ता ने सफाई देते हुए बताया कि संजीत यादव नाम का एक व्यक्ति 22 तारीख को गायब हो गया था फिरौती मांगी गई थी पुलिस के सामने पैसा देने की बात पूर्णता निराधार और गलत है हम जल्दी ही मामले को खोलेंगे! पीड़ित के साथ पुलिस की पूरी सहानुभूति है मैंने पीड़िता के साथ कभी गलत तरीके से बात नहीं की पीड़िता की मनोदशा ठीक नहीं है!
Axact

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A passionate Journalist and RTI Activist

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