कोरोना महामारी को बढ़ते देखते हुए राज्य के सभी बार्डर पूरी तरह से सील कर दिए जाएं और अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ाई से आवागमन रोका जाए। प्रदेश में कहीं भी कोई आयोजन न होने दिया जाए। अगर भीड़ आई तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।  योगी आदित्यनाथ ने भी आदेश जारी किया है 
 सबसे कारगर तरीका  "सोशल डिस्टेन्सिंग"
आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना से निपटने का सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेन्सिंग है। इसलिए लॉकडाउन की अवधि में जो जहां पर मौजूद है, वहीं पर रहे और सोशल डिस्टेन्सिंग को माने। उन्होंने विभिन्न स्थलों पर रह रहे मजदूरों, श्रमिकों और कामगारों तथा अन्य लोगों से अपील की कि वे अपने निवास स्थल पर ही बने रहें। सरकार उनकी पूरी सहायता करेगी। 

वर्तमान में प्रदेश में 12 लैब्स मौजूद हैं, जिनकी क्षमता 2350 टेस्टिंग प्रतिदिन की है।सीएम ने टेस्टिंग लैब्स की संख्या और जांचों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।  उन्होंने कमजोर और विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त लोगों, बच्चों और बूढ़ों को सीधे एल-2 हॉस्पिटल में भर्ती करते हुए उनकी जांच कर इलाज करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हुए इसमें नर्सों, लैब टेक्निशियन, वॉर्ड बॉय तथा स्वीपर इत्यादि को भी शामिल करने के निर्देश दिए। ये सारे निर्देश मुख्यमंत्री ने शनिवार को टीम 11 के अध्यक्षों के साथ बैठक में दिए। 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 के सम्बन्ध में संवेदनशील क्रियाकलापों से जुड़े कर्मियों हेतु पीपीई किट व एन-95 मास्क आदि की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। 

उन्होंने कहा कि शेल्टर होम में रखे गए जिन संदिग्धों का 14 दिन का क्वारन्टीन पीरियड पूरा हो गया हो, उन्हें खाद्यान्न सामग्री देते हुए उनके घर पर 14 दिन का होम क्वारन्टीन कराया जाए और उनकी मॉनीटरिंग की जाए। 

उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई के लिए किसानों को सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ अनुमति दी गई है। उन्होंने किसानों के लिए 1900 रुपए प्रति कुन्टल का एमएसपी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, पर्याप्त संख्या में हार्वेस्टर और रीपिंग मशीनों की भी उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

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