आरबीआई में 29 साल से सेवारत डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के प्रबल समर्थक विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले ही पद छोड़ने का फैसला किया है।  मार्च को कार्यमुक्त हो जाएंगे। 

बैंकिंग नियमन, सहकारी बैंकों, आर्थिक स्थिरता को देखने वाले विश्वनाथन को पिछले साल जून में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था। 
घटती जीडीपी, बैंकों के विलय और महंगाई पर नियंत्रण की कोशिश के बीच उनका इस्तीफा आरबीआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

इस घटनाक्रम से संबद्ध सूत्र ने बताया कि रिजर्व बैंक ने विश्वनाथन के 31 मार्च तक सेवानिवृत्ति देने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। हालांकि इस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति मिलना बाकी है। स्वास्थ्य कारणों के चलते इसे किसी भी दिन स्वीकार किया जा सकता है।

उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों ने तनाव के कारण उन्हें आराम करने की सलाह दी थी, उसके बाद विश्वनाथन ने इस्तीफा देने का फैसला किया। पिछले एक साल में केंद्रीय बैंक में यह तीसरा इस्तीफा है।

इधर, रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि करने या इनकार करने से मना किया। सूत्रों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य के चलते विश्वनाथन की योजना अप्रैल के अंत तक सेवानिवृत्ति लेने की थी, लेकिन शरीर के ठीक नहीं रहने की स्थिति में उन्होंने और जल्दी सेवानिवृत्ति देने का अनुरोध किया है।
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