दरअसल मंगलवार शाम को गोमतीनगर थाने में एक स्कॉर्पियो की लूट की रिपोर्ट दर्ज हुई। यह रिपोर्ट संजय सिंह नामक शख्स ने दर्ज करवाई थी। संजय का कहना था कि गोसाईंगंज के अहिमामऊ स्थित पार्थ आद्यांत अपार्टमेंट में रहने वाले अखंड प्रताप और उसके परिचित आदित्य ने यह लूट की है। लूट में अखंड के पिता राजेंद्र की स्कॉर्पियो (यूपी 32 केजे 1359) का भी प्रयोग हुआ। पुलिस अखंड और उसके पिता की गाड़ी को थाने ले आई। इस पर आदित्य ने थाने पहुंचकर पुलिस को बताया कि संजय ने उसके नाम से स्कॉर्पियो फाइनैंस कराई थी। वह किस्तें नहीं अदा कर रहा था। मंगलवार शाम करीब चार बजे दयाल पैराडाइज होटल के पास संजय गाड़ी के साथ दिखा तो उसने स्कॉर्पियो अपने कब्जे में ले ली थी। इस मामले में अखंड की कोई भूमिका नहीं है। अखंड ने भी पुलिस को बताया कि वह आदित्य के कहने पर घटनास्थल पर पहुंचा था। तब तक आदित्य गाड़ी लेकर निकल चुका था। वहां सिर्फ संजय मौजूद था। इसके बाद पुलिस ने अखंड को थाने से जाने दिया पर स्कॉर्पियो थाने में खड़ी करवा ली l
आधे घंटे गाड़ी में फंसे रहे पुलिस वाले
गोमतीनगर इंस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह ने बुधवार सुबह प्रशांत हत्याकांड में आरोपित अर्पण शुक्ला का बयान लेने के लिए तीन पुलिसवालों को अखंड की स्कॉर्पियो से लखीमपुर खीरी भेज दिया। यह बात अखंड के पिता को पता चली तो उन्होंने जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) की मदद से थेफ्ट लॉक ऑप्शन से इंजन लॉक कर दिया। लखीमपुर के मोहनाई कस्बे में अचानक गाड़ी का इंजन बंद होने से पुलिस वाले कुछ समझ नहीं पाए। इसके बाद पुलिस ने अखंड से संपर्क किया तो उसने गाड़ी लॉक करने की बात बताई। बैकफुट पर आई पुलिस ने अखंड को कार सुरक्षित रखने का लिखित आश्वासन दिया। तब जाकर कार अनलॉक की गई। मामले की जानकारी पर पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने गोमतीनगर इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया।

Post A Comment:
0 comments:
Note: Only a member of this blog may post a comment.