भारी हंगामे के बीच
शुक्रवार को कानून
मंत्री रविशंकर प्रसाद ने
तीन तलाक बिल
को सदन के
पटल पर रखा।
कांग्रेस समेत अन्य
विपक्षी पार्टियों ने तीन
तलाक बिल को
सदन के पटल
पर रखे जाने
का विरोध किया।
कांग्रेस पार्टी की तरफ
से सांसद शशि
थरूर ने बिल
के पेश होने
का विरोध किया।
कांग्रेस की ओर
से मांग की
गई है कि
बिल को स्टैंडिंग
कमेटी के पास
भेजा जाए और
इस पर सही
तरीके से चर्चा
हो।
शशि थरूर ने
कहा कि मैं
तीन तलाक का
समर्थन नहीं करता
हूं लेकिन इस
बिल के विरोध
में हूं। ये
बिल संविधान के
खिलाफ है, इसमें
सिविल और क्रिमिनल
कानून को मिला
दिया गया है।
अगर सरकार की
नजर में तलाक
देकर पत्नी को
छोड़ देना गुनाह
है, तो ये
सिर्फ मुस्लिम समुदाय
तक ही सीमित
क्यों है। क्यों
ना इस कानून
को सभी समुदाय
के लिए लागू
किया जाना चाहिए।
कांग्रेस की ओर
से कहा गया
कि सरकार इस
बिल के जरिए
मुस्लिम महिलाओं को फायदा
नहीं पहुंचा रही
है बल्कि सिर्फ
मुस्लिम पुरुषों को ही
सजा दी रही
है। जब सुप्रीम
कोर्ट ने ही
तीन तलाक को
गैरकानूनी घोषित कर दिया
है, तो सरकार
सजा किस बात
की दे रही
है। इस बिल
का किसी भी
तरह गलत इस्तेमाल
किया जा सकता
है।

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