सरकारी सूत्र बता रहे
हैं कि आर्थिक
सर्वेक्षण के पीछे
मकसद है कि
देश में सात
करोड़ असंगठित रोज़गारों
की स्थिति जनवरी,
2020 तक यानी छह
महीने में साफ
हो जाए। सरकार
इन आंकड़ों के
आधार पर रोज़गार
को लेकर भविष्य
की रणनीति तैयार
करेगी।
बढ़ती बेरोजगारी और नौकरियों
के संकट पर
घिरी मोदी सरकार
ने बड़ा फैसला
लेते हुए जल्द
आर्थिक सर्वेक्षण कराने की
तैयारी शुरू की
है। यह सर्वेक्षण
पहली बार ठेले
, रेहड़ी, और अपना
रोजगार करने वाले
लोगों को विकास
की मुख्यधारा में
लाने के लिए
कराया जाएगा। सूत्र
बता रहे हैं
कि आर्थिक सर्वेक्षण
जून के आखिरी
हफ्ते में शुरू
होगा।

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