पंजाब के अब तक के सबसे बड़े खूनी संघर्ष ऑपरेशन ब्लू स्टार की आज 35वीं बरसी है। 80 की दशक में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में दो हुआ वो पंजाब के लोग कभी नहीं भूल सकते। ऐसे में आज के दिन पंजाब में कई जगह पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान स्वर्ण मंदिर में खलिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने से तनाव हो गया। पुलिस और सुरक्षा के इंतजामों के बावजूद वहां खलिस्तानी झंडे लहराए गए।

खबर है कि इस बीच आज अमृतसर के अकाल तख्त में अखंड साहिब के पाठ का भोग डाला गया। वहीं कई लोगों के बीच मंदिर में हल्की झड़प भी हुई। मंदिर में अरदास के ही बीच खलिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने लगे। साथ ही खलिस्तान के झंडे भी लहराए गए।

अलगाववादी, कट्टरपंथी खालिस्तानी समर्थक गुटों ने हवा में तलवारें लहरा कर खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। खालिस्तानी समर्थकों ने श्री अकाल तख्त साहिब के अंदर दाखिल होने की कोशिश की, लेकिन टास्क फोर्स सादे कपड़े पहने ड्यूटी कर रहे पुलिस जवानों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।

प्रमुख परिसर से करीब 100 मीटर दूर पनपे तनाव से सुरक्षा बलों को भी परेशानी में डाल दिया। इस दौरान कुछ नौजवान उग्र हो गए और उन्होंने एसजीपीसी द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ के रास्ते में लगाई गई रेलिंग तोड़ दी। वहीं, अमृतसर के एसीपी जेसी वालिया हाथ जोड़ कर उग्र लोगों को मनाने की कोशिश करते देखे गए, लेकिन उनका प्रयास भी सफल नहीं हो पाया। नारेबाजी होती रही।

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