जेडीयू केंद्रीय मंत्रिमंडल का भी हिस्सा नहीं है। और हाल ही में नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें जेडीयू के 8 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। इसमें बीजेपी के किसी नेता ने शपथ नहीं ली। बीजेपी के साथ अपने संबंधों पर नीतीश कुमार ने कहा था, 'हम पूरी मजबूती के साथ एनडीए के साथ हैं, लेकिन सांकेतिक प्रतिनिधित्व स्वीकार्य नहीं है। अगले साल विधानसभा चुनाव है, जेडीयू और भाजपा मिलकर काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

बिहार की राजधानी पटना में रविवार को जनता दल (यू) (जेडीयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया कि जेडीयू बिहार के बाहर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) का हिस्सा नहीं होगी। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, बशिष्ठ नारायण सिंह और के सी त्यागी उपस्थित हुए। जेडीयू ने फैसला किया है कि वो जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी।

इससे पहले पिछले रविवार को जेडीयू ने इसे 'अंतिम निर्णय' बताते हुए फैसला किया कि पार्टी कभी भी एनडीए के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होगी। जेडीयू के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने बताया कि एनडीए द्वारा दिए गए एक कैबिनेट सीट का प्रस्ताव पार्टी द्वारा अस्वीकार्य था, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया।

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