राज्यपाल तथागत
रॉय कुछ राज्यों में
हिंदी भाषा पढ़ाए
जाने को लेकर
हो रहे विरोध
पर अपना गुस्सा
जाहिर कर रहे
थे और इसी
को लेकर उन्होंने
कई ट्वीट किए।
उन्होंने बंगालियों द्वारा हिंदी
सीखने के विरोध
को ज्ञान की
कमी और राजीतिक
बताया। आपको बता
दें कि तथागत
रॉय पश्चिम बंगाल
के रहने वाले
हैं और लंबे
समय तक बीजेपी
में रहे हैं।
आपको बता दें
कि मेघालय के
राज्यपाल तथागत रॉय के
एक बयान से
पश्चिम बंगाल में बवाल
मच गया है।
रॉय ने कहा
है कि बंगाल
कभी महान हुआ
करता था लेकिन
अब उसकी महानता
चली गई है।
उन्होंने कहा
कि अब बंगाली
लोग फर्श साफ
कर रहे हैं
और बंगाली लड़कियां
बार में डांस
करती हैं।
तथागत रॉय ने
ट्वीट किया कि
कोई बहुत बड़ा
विरोध नहीं है,
उनके शोर मचाने
के पीछे सिर्फ
राजनीतिक कारण है।
उन्होंने कहा, 'असम, महाराष्ट्र
और ओडिशा राज्य
भी गैर-हिंदी
भाषी राज्य हैं,
लेकिन वे लोग
हिंदी का विरोध
नहीं कर रहे?
दूसरे तर्क में
कहा जा रहा
है कि पश्चिम
बंगाल विद्यासागर, विवेकानंद,
रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी
(सुभाष चंद्र बोस) की
भूमि है, बंगालियों
को हिंदी क्यों
सीखनी चाहिए?' उन्होंने
कहा कि इन
महापुरुषों और विपक्षियों
के बीच हिंदी
सीखने को लेकर
क्या संबंध है?
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