अगर भारत में कोई सुभाष पटेल गांधी नेहरू मौलाना आजाद को रावण की संज्ञा दे कर उन की हत्या करना चाहता हो तब आप उसे कितना देशभक्त मानेंगे और वह भी तब जब अंग्रेजों की गुलामी के दौर हो आज इस पर भी करेंगे चर्चा सबसे पहले बात कर लेते हैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की जिन को रावण के रूप में भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रसारित करा है। बल्कि आप इस ट्वीट को ट्वीट न कह कर x कहें क्योंकि अब यह x हो चुका है क्या लिखा है देखते हैं 


The new age Ratan is here. He is Evil. Anti Dharma. Anti  Ram. His aim is to destroy Bharat. 

मतलब तो आप लोग समझ ही गए होंगे फिर भी एक बार स्पष्ट कर देता हूँ  नए दौर का रावण यहां पर है वह बुरा, अधार्मिक या धर्म विरुद्ध और राम का विरोधी है । इसका उद्देश्य भारत को नष्ट करना है आखिर भारतीय जनता पार्टी को इस प्रकार का ट्वीट क्यों करना पड़ा बात करेंगे इस वीडियो मे


अब आते हैं असली मुद्दे पर भाजपा जैसे विश्व के सबसे बड़े संगठन और पार्टी को अपने मुख्य विपक्षी दल के पूर्व अध्यक्ष को रावण की तरह क्यों पेश करना पड़ रहा है क्या भाजपा ने राहुल को रावण की तरह एक विद्वान ब्राह्मण मान लिया है जैसा कि राहुल भी स्वयं को ब्राह्मण बताते नजर आते हैं और भाजपा लगातार उनकी वंशावली में उनके बाबा और मां का नाम लेकर हमलावर बनी रहती है ।


और तो और अब उस पप्पू वाली उस इमेज का क्या होगा जिसे भाजपा ने न जाने कितना खर्च कर बनाया था कोई भी धार्मिक जानकार तो इस तथ्य को स्वीकार कर ही नहीं सकता कि ब्राह्मण रावण महान विद्वान नहीं था और अगर राहुल आज के ब्राह्मण रावण है तो यह गुण भी उनके अंदर जरूर आया होगा दूसरा बिंदु रावण धर्म विरुद्ध था ऐसा तो कहीं भी पढ़ने लिखने में नहीं आता अगर वह धर्म विरुद्ध होता तो शिव तांडव स्त्रोत जैसी रचना कैसे रचता शिव उपासना कर तमाम शक्तियों को कैसे अर्जित करता तो भाजपा का यह कहना की रावण धर्म विरुद्ध था ज्यादातर लोगों के गले नहीं उतरेगा


पूरी रामायण में रावण राम के विरुद्ध था ऐसा तो कहीं भी नहीं लिखा है यदि लिखा है तो कमेंट कर जरूर बताइएगा रामायण में एक प्रसंग तो ऐसा भी आता है जब रावण ने स्वयं जाकर राम के लिए शिवलिंग की स्थापना कर पूजा अर्चना की तो अधार्मिक होने की तो बात सरासर गलत ही साबित हो रही है। 


हमें और आपको यह समझना होगा आखिर भाजपा इस पोस्ट से क्या साबित कर क्या कहने और करने की उसकी मंशा है भाजपा की जड़ जनसंघ ,हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी बीते समय में वे जिन लोगों को भी जड़ से खत्म करना चाहते थे या जिन से उन्हें बहुत डर लगता था उनको रावण के रूप में प्रदर्शित करा था इसका उदाहरण भी पूर्व में मिलता है।


समझने की कोशिश करिए जब हमारे देश का प्रत्येक नागरिक पूरी ताकत और हैसियत से देश को गुलाम बनाने वाले अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी की लड़ाई लड़ रहा था उसी दौर 1945 में भी नारायण आप्टे द्वारा प्रकाशित और गोडसे द्वारा संपादित पत्रिका अग्रणी में उस समय के महान देशभक्त और देश के लिए सब कुछ कुर्बान कर देने वाले देश के लिए अंग्रेजों से बार-बार लिखित माफी मांग कर आजीवन अंग्रेजी राज्य के हित में कार्य करने की कसम खाने वाले महान वीर वीर सावरकर और भाजपा के आज भी प्रातः स्मरणीय आराध्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी को राम और लक्ष्मण के भूमिका में दिखाते हुए एक रावण का कार्टून प्रकाशित किया था ।


अब आप यह तो समझ ही गए होंगे की चित्र में प्रकाशित हमारे दोनों राम और लक्ष्मण के सामने रावण के रूप में पूरी अंग्रेज सरकार, महारानी और बटवारा चाहने वाले जिन्ना ही होंगे जिससे वह बुराई का नाश कर देश को आजाद कर सकेंगे बस आपसे यही गलती हो गई व्हाट्सएप वाले इस सिलेबस ने आपको इस छोटे से प्रश्न में फेल कर दिया इन दोनों प्रकाशित महावीरों के लिए तब कोई भी अंग्रेज सरकार या इंग्लैंड की महारानी या जिन्ना रावण नहीं थे आप सुधार कर लीजिए अपने ज्ञान में और शुद्ध इतिहास की जानकारी में इस विचारधारा को समझ लीजिए कि जब पूरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था और समूचे देश के लिए अंग्रेजी सबसे बड़े रावण थे तब इस महान विचारधारा को मानने वाले महान देश भक्तों के लिए तात्कालिक सरकारों में सत्ता प्राप्ति में बाधक और अंग्रेजों के विरोध में लड़ने वाली कांग्रेस व अन्य क्रांतिकारी नेता जन ही सबसे बड़े रावण थे जिनकी वह हत्या कर उन्हें जड़ से नष्ट कर देना चाहते थे ।


जरा सोचिए इस कार्टून में सामने रावण के रूप में कौन-कौन दिखाई दे रहा है गांधी नेहरू सुभाष पटेल मौलाना आजाद व अन्य तत्कालीन बड़े नेता जो पूरी ताकत से अंग्रेजों से हर मोर्चे पर लड़ रहे थे क्या यह आप सोच भी सकते हैं जिस पटेल को इसी विचारधारा के लोग कभी रावण के रूप में प्रकाशित कर मार देना का संदेश जनता को देना चाहते थे उस पटेल के नाम पर मोदी सरकार ने सरदार सरोवर बांध बना बनाकर सबसे बड़ी मूर्ति लगवा दी क्याऔ कहलाता है यह दोहरा चरित्र इसके अन्य कई उदाहरण भी मौजूद है जैसे


सुभाष चंद्र बोस जिनकी देशभक्ति पर कोई सपने में भी प्रश्न नहीं उठा सकता आखिर उन्हें रावण घोषित कर क्यों मार देना चाहती थी यह विचार धारा और उसके यह वीर और महान देश भक्त राम और लक्ष्मण नेता आज उसी विचारधारा की पार्टी भाजपा के प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस से संबंधित दस्तावेजों के खुलासे आदि के नाम पर तमाम घोषणाएं करते नजर आते हैं अगर सुभाष को उनकी विचारधारा के हिसाब से उह समय मार दिया जाना चाहिए था तो आज यह नाटक क्यों हो रहा है ।


यही हाल गांधी का भी है जो विचारधारा लगातार गांधी की हत्या करने का संदेश देश के नागरिकों को देती रही और अंत में अपनी योजना में सफलता के साथ गांधी की हत्या में वे सफल भी रहे यह विचार धारा जो गांधी वध के समर्थन में तमाम तर्कों के साथ-साथ देश के बंटवारे को भी एक बड़ा कारण बताकर अपने जधन्य आपराधीक दुष्कृत्य को देशभक्त में उठाया गया सबसे बड़ा कदम साबित करने में लगे रहते हैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 1945 में देश का कौन सा बंटवारा हो चुका था जो गांधी को रावण के रूप में प्रदर्शित कर आप जनता को गांधी की हत्या के लिए प्रेरित करने वाला कार्टून प्रकाशित कर रहे थे


मैं गांधी के देश से आया हूं यह कह विदेशों में गर्व से अपना सीना चौड़ा करते दिखाई देने वाले हमारे प्रधानमंत्री ने अभी जी -20 सम्मेलन में आए सभी विदेशी मेहमानों को कार्टून में प्रकाशित उसी रावण गांधी की समाधि पर ही सभी मेहमानों को ले जा कर सम्मानित महसूस करा था अब प्रश्न यह उठता है कि उसी कार्टून में राम और लक्ष्मण के रूप में प्रकाशित देशभक्तों की समाधि स्थल पर वह उन मेहमानों को क्यों नहीं ले गए और तो और इस ही विचार धारा के सबसे बड़े देश भक्त जिसने इस गांधी रुपी रावण की हत्या कर इस देशभक्त विचारधारा को संजीवनी भी दी थी की समाधि तो दूर किसी बड़े मंच तक से उसका नाम भी लेने की हिम्मत नहीं  जुटा पाता यह सरकार और भाजपा क्या अपनी ही विचार धारा के सच के साथ खड़े होने में डरते हैं और सत्ता के लिए अपनी विचारधारा को दोहरे चरित्र के साथ अंदर ही अंदर बढ़ावा दे कर सार्वजनिक मंचों पर गांधी की तारीफ के कसीदे पढ़ते हैं 


अब आप समझ सकते हैं कि मैं दो रावणों की तुलना आज क्यों की क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि जैसे गांधी की को सन 1945 में रावण दर्शाकर योजना के साथ गांधी वध को अंजाम दिया गया क्या राहुल के साथ भी कुछ वैसी ही परिस्थितियों के निर्माण की तैयारी है ?


क्या एक गांधी वध के बाद इस देश को दूसरे गांधी वध के लिए तैयार रहना होगा वैसे तो इस देश ने तमाम बार गांधी बध देखा है फिर चाहे वह इंदिरा गांधी हो या राजीव आखिर क्या कारण हो सकता हैं राहुल को भारत की जनता की नजर में रावण साबित करने का ?


फैसला आपको करना है कि कौन देशभक्त है अंग्रेजों से लड़ने वाले या अंग्रेजों से लड़ने वालों की हत्या करने की साजिश करने एवं अंग्रेजों से माफी मांग कर सदैव अंग्रेजी सरकार की सेवा करने की कसम खाने वाले आज सिर्फ इतना ही अगर वीडियो अच्छा लगा हो तो लाइक करें शेयर करें चैनल को सब्सक्राइब करें और अपना सहयोग प्रदान करते रहे नमस्कार ।


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A passionate Journalist and RTI Activist

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