पंजाब के रोपड़ जेल से पेशी के लिए जाते समय माफिया मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल की गई एंबुलेंस मामले में मऊ जिले की चिकित्सक डॉक्टर अलका राय के खिलाफ शहर कोतवाली में केस दर्ज किया गया है। मामला सुर्खियों में आने के बाद जब पुलिस प्रशासन ने जांच शुरू की तो जिस पते पर एंबुलेंस का पंजीकरण था वहां पर संचालित अस्पताल सब फर्जी निकला।

इसके बाद एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने इस मामले में केस दर्ज करने के लिए शहर कोतवाली में तहरीर दी। सीओ सिटी सीमा यादव ने बताया कि एंबुलेंस मामले में मऊ जिले की चिकित्सक डॉ. अलका राय समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

मालूम हो कि मऊ जिले का रहने वाला माफिया डॉन मुख्तार अंसारी काफी दिनों से पंजाब के रोपड़ जेल में बंद है। प्रदेश सरकार उसे वापस लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार को लेने यूपी की पुलिस पंजाब गई थी। वहीं से पेशी पर पहुंचे मुख्तार ने बाराबंकी जिले की पंजीकृत निजी एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) का प्रयोग किया था।

इसकी भनक लगने के बाद सरकारी अमला बाराबंकी में सतर्क हो गया था। गुरुवार को मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के बाद हलचल तेज हो गई। एआरटीओ कार्यालय में एंबुलेंस का पता डॉ. अलका राय, 56, श्याम सन अस्पताल, रफीनगर, बाराबंकी के नाम से दर्ज था, जो हकीकत में कई वर्षों से है ही नहीं। 

पुलिस ने इस पते पर पहुंचकर जांच की लेकिन कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा। पूरे दिन सरकारी अमला गुपचुप तरीके से मुख्तार के इस कनेक्शन की तलाश में जुटा रहा।

उधर, एआरटीओ कार्यालय में इनके कागजात निकालकर छानबीन की गई जिसमें पाया गया कि इसका पंजीकरण 13 दिसंबर 2013 को हुआ था और एक फरवरी 2016 से एंबुलेंस का फिटनेस नहीं है और जनवरी 2017 से इसका इंश्योरेंस भी नहीं कराया गया है। 

वहीं एंबुलेंस की मालकिन डॉ. अलका राय मऊ जिले की निवासी बताई गई हैं। 20 जनवरी 2020 को इसका नोटिस एआरटीओ द्वारा डॉ. अलका राय को भेजा गया था। वहीं सीएमओ कार्यालय में इस नाम के किसी भी अस्पताल का पंजीकरण नहीं पाया गया है।

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