अयोध्या के राम
जन्म भूमि विवाद
के निपटारे के
लिए सर्वोच्च न्यायालय
प्रतिदिन सुनवाई कर रहा
है। सर्वोच्च न्यायालय
में चल रही
सुनवाई रद्द करने
की मांग करते
हुए एक याचिका
दाखिल हुई थी,
जिस पर मुख्य
न्यायाधीश रंजन गोगोई
ने शुक्रवार को
सुनवाई की।
न्यायमूर्ति
गोगोई ने याचिका
देखते ही खारिज
कर दी। मुख्य
न्यायाधीश ने सवाल
किया कि यह
क्या है। याचिकाकर्ता
ने अयोध्या मामले
पर चल रही
कार्यवाही रोकने के साथ
ही याचिककर्ताओं के
खिलाफ मुकदमा दर्ज
कराने की भी
मांग की थी।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट
में मालेगांव बम
विस्फोट के मामले
में आरोपी कर्नल
पुरोहित के खिलाफ
गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून
(यूएपीए) के तहत
आरोप तय करने
की मांग को
लेकर दाखिल याचिका
पर भी सुनवाई
हुई। सर्वोच्च न्यायालय
ने मालेगांव विस्फोट
में जान गंवाने
वाले एक युवक
के पिता निसार
अहमद बिलाल की
याचिका पर सुनवाई
करते हुए इसे
भी खारिज कर
दिया।
गौरतलब है कि
राष्ट्रीय जांच एजेंसी
(एनआईए) की विशेष
अदालत ने मालेगांव
विस्फोट मामले में आरोपी
कर्नल पुरोहित और
छह अन्य के
खिलाफ 30 अक्टूबर 2018 को आरोप
तय कर दिए
थे। विस्फोट की
यह घटना सन
2008 की है।
इस हमले में
आधा दर्जन लोगों
की मौत हो
गई थी, जबकि
सौ से अधिक
घायल हो गए
थे। निसार ने
कर्नल पुरोहित के
खिलाफ यूएपीए कानून
के तहत आरोप
तय करने के
लिए हस्तक्षेप करने
की मांग करते
हुए सुप्रीम कोर्ट
में याचिका दाखिल
की थी।
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