प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कई मोर्चों पर अच्छे अंक हासिल किए, लेकिन बाजार और आर्थिक मोर्चे पर उन्होंने निराश किया है। क्योंकि वर्तमान का दौरा स्टॉक निवेशकों के लिए बहुत निराशाजनक रहा है। यही वजह हे कि एनडीए की शानदार जीत और शुरुआती फील-गुड के बाद इक्विटी निवेशकों की 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बर्बाद हो गई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और आर्थिक विकास को नियंत्रित करने के लिए पिछले एक महीने में बैक-टू बैक उपायों की घोषणा की है लेकिन इक्विटी निवेशकों को ज्यादा नहीं मिली। वहीं विश्लेषकों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मंदी को पटरी पर लाने के लिए समय लगेगा। चुनौतीपूर्ण वैश्विक पृष्ठभूमि को देखते हुए, उन्होंने निवेशकों को धैर्य रखने और पुनरुद्धार के शुरुआती संकेतों की तलाश करने की सलाह दी है।

30 मई को पीएम मोदी के दूसरा बार शपथ ग्रहण के बाद से बीएसई पर कारोबार करने वाले केवल 14 प्रतिसत शेयरों ने सकारात्मक रिटर्न देने में कामयाबी हासिल की है। जबकि अधिकतर शेयरों में नुकसान ही सहना पड़ा है। बीएसई पर 2,664 सक्रिय रूप से कारोबार किए गए शेयरों में से 2,290 की कीमत 96 प्रतिशत तक गिर गई। उनमें से 422 में 40 प्रतिशत से अधिक, 1,371 में 20 प्रतिशत से अधिक, जबकि 1,872 में 10 प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है।

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