सरकार ने भ्रष्टाचार
के खिलाफ सख्त
कदम उठाया है।
इसके तहत केंद्र
सरकार ने भ्रष्ट
और नकारा कर्मचारियों
के बाहर का
रास्ता दिखाने के लिए
बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों और
अपने सभी विभागों
से अपने कर्मचारियों
के सेवा रिकार्ड
की समीक्षा करने
को कहा है।
कार्मिक मंत्रालय ने प्रत्येक
श्रेणी के कर्मचारियों
के कामकाज की
समीक्षा ‘पूरे नियम
कायदे’ से करने
तथा सेवानिवृत्ति की
कार्रवाई में मनमानी
न करने के
लिए कहा है।
इसमें कहा गया
है, ‘‘सभी मंत्रालयों
/ विभागों से आग्रह
है कि वे
सार्वजनिक उपक्रमों / बैंकों और
स्वायत्त संस्थानों समेत अपने
प्रशासनिक नियंत्रण में आने
वाले विभागों के
कर्मचारियों के कामकाज
की कायदे कानून
और सही भावना
के अनुसार समीक्षा
करें।’’
निर्देश के अनुसार
सभी सरकारी संगठनों
को को प्रत्येक
महीने के 15 तारीख
को निर्धारित प्रारूप
में रिपोर्ट देने
को कहा गया
है। इसकी शुरूआत
15 जुलाई 2019 से होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी
ने कहा कि
मूल नियम 56 (जे),
(आई) और केंद्रीय
सिविल सेवा (पेंशन)
नियम 1972 के नियम
48 के तहत जारी
कार्मिक मंत्राालय के दिशानिर्देशों
के अंतर्गत बैंकों,
सार्वजनिक उपक्रमों और केंद्र
सरकार के विभागों
में काम करने
वाले कर्मचारियों का
सेवा रिकार्ड की
समीक्षा की जाएगी।

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