कोरोना वायरस के ख़तरे को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण पैदा हुए हालात से कंपनियों, कारोबारियों और करदाताओं को वित्त मंत्री ने बचाने के लिए भारत सरकार ने कुछ आर्थिक राहत देने वाले क़दम उठाए हैं.
इनमें आयकर रिटर्न और जीएसटी फ़ाइल करने की तारीख़ बढ़ाने और एटीएम से पैसा निकालने पर लगने वाला चार्ज ख़त्म करना शामिल है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने की तारीख़ 30 जून तक बढ़ा दी है. इस अवधि के लिए देरी से की गई पेमेंट के लिए ब्याज़ दर 12 से घटाकर नौ प्रतिशत कर दी गई है. देरी से टीडीएस जमा करवाने पर 18 प्रतिशत की जगह अब नौ प्रतिशत ब्याज़ लगेगा.
इसके अलावा मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए जीएसटी भरने की तारीख़ भी 30 जून तक बढ़ा दी गई है. जिन कंपनियों का टर्नओवर पांच करोड़ से कम है, उन्हें कोई ब्याज़, लेटफ़ीस या पेनल्टी नहीं देनी होगी. पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों को देरी करने पर शुरुआती 15 दिन में कोई दंड नहीं होगा.
इसके बाद भी पेनल्टी या लेट फ़ीस नहीं देनी होगी, उन्हें घटी हुई नौ फ़ीसदी की दर से ब्याज़ देना होगा. अंतिम तारीख़ में जीएसटी फ़ाइल करने के लिए सर्वर वगैरह पर लोड न पड़े, इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों को तारीख़ें बताई जाएंगी. सबका विश्वास योजना के तहत विवादों के निपटारे की तारीख़ 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून, 2020 की गई.
इसके तहत डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाली कंपनियों से ब्याज़ नहीं लिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा, "हम नहीं चाहते कि लॉकडाउन के काऱण आयाताक और निर्यातक परेशान हों, इसलिए कस्टम क्लियरेंस दिन रात जारी रहेगा."
आधार को पैन से लिंक करने की आख़िरी तारीख़ भी बढ़ाकर 30 जून, 2020 की गई. अब बैंकों की ओर से एटीएम से पैसा निकालने पर लगने वाला चार्ज ख़त्म कर दिया गया है और ख़ातों में न्यूनतम बैलंस बनाए रखने की शर्त भी हटा दी गई है

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