मोदी सरकार जीत के बाद अपनी नई सत्ता को मजबूत करने के लिए कई बड़े फेरबदल कर रही है। केंद्र सरकार ने एक नया प्लान बनाया है, जिसके तहत निजी क्षेत्र के 40 विशेषज्ञों को ब्यूरोक्रेसी में शामिल किया जाएगा। नए प्लान के तहत अब आईएएस लॉबी में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ भी एंट्री कर सकेंगे। इन विशेषज्ञों को भी वहीं पद, वेतन, सुविधाएं और अधिकार रहेंगे, जो अफसरों के होते हैं।

अंतर इस बात का है कि निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर तीन साल के लिए होगी. और अगर इनका प्रदर्शन अचछा रहता है तो इस कॉन्ट्रैक्ट को पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इनकी नियुक्ति सलाहकार के रूप में होगी। फिलहाल कार्मिक मंत्रालय इस पर एक मसौदा तैयार कर रहा है। फिलहाल ऐसे 40 विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी।

इनको फिक्सड टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाएगा। नीति आयोग भी ऐसे विशेषज्ञों को उप सचिव से लेकर के संयुक्त सचिव के पद पर रखेगी। फिलहाल सरकार ऐसे लोगों को सलाहकार के पद पर नियुक्त कर रही है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) इस बारे में जल्द ही एक विज्ञापन को जारी करेगा। इससे पहले अप्रैल में नौ व्यक्तियों को संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त किया था। संयुक्त सचिव पर ज्यादातर आईएएस, आईपीएस या फिर अन्य प्रमुख सेवाओं के लोगों को नियुक्त किया जाता है।

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